खाण्डल विप्र जनकल्याण

दिल्ली

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खाण्डल विप्र (खण्डेलवाल ब्राह्मण)

खाण्डलविप्र जाति का नामकरण एक धटना विशोष के आधार पर हुआ था।वह विशॆष धटना लोहार्गल में सम्पन्न परशुराम के यज्ञ की थी,जिसमें खाण्डलविप्र जाति के प्रवर्तक मधुछन्दादि ऋषियों ने यज्ञ की सुवर्णमयी वेदी के खण्ड दक्षिणा रूप में ग्रहण किये थे।उन खण्डों के ग्रहण के कारण ही,खण्डं लाति गृहातीति खाण्डल:इस व्युत्पति के अनुसार उन ऋषियों का नाम खण्डल अथवा खाण्डल पडा था।ब्राह्मण वंशज वे ऋषि खाण्डलविप्र जाति के प्रवर्तक हुए|

गोत्र

खाण्डल विप्र (खण्डेलवाल ब्राह्मण) गोत्र -

  • माठोलिया बढाढरा श्रोत्रिय (सोती)
    सामरा जोशी रणवा
    बीलवाल बील कुँजवाड
    सेवदा काछ्वाल शिवोद्वाही (सोडवा)
    भाटीवाडा गोवला वशीवाल
    मंगलहारा शकुन्या चोटिया
    मणडगिरा सुन्दरिया झकनाडा
    रूंथला गोधला गोरसिया
    झुन्झुनाद वटोटिया बोचीवाल
    धुगोलिया कुन्जवाडा परवाल
    हूचरा नवहाल वांठोलिया
    पीपलवा मुछावला तिवाडी
    पराशला घाटवाल बणसिया
    सिंहोटा भुरटिया टंकहारी
    अजमेरिया डीडवाणिया निटाणिया
    डाभडा अथवा डावस्या खडभडा अथवा निठुरा बोहरा अथवा भूसुरा
    वांटणा

    Our Goal

    Help People who needs us

    Our Missions

    To bring all our community people together

    Our Achievement

    Become the One Who is Considered a Hero

    Our Dream

    To Stand with our People

    अहम योगदान

    समाज एक समूह होता है जिसमें अनेक लोग एक साथ रहते हैं और सामाजिक रूप से जुड़े होते हैं। समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है जैसे कि स्थायी निवास, खाने-पीने की व्यवस्था, शिक्षा और सामाजिक संबंधों की संरचना। हम जब समाज से कुछ लेते हैं तो हमें उसे वापस देना भी चाहिए। इसलिए हमें समाज के लिए दान करना चाहिए।


    दान एक बहुत ही मूल्यवान और धार्मिक कार्य है जो समाज के लिए बहुत अहम होता है। समाज एक साथ रहते हुए अपने सदस्यों के लिए कुछ न कुछ करने की जरूरत होती है। इसी तरह, समाज सेवा के लिए अलग-अलग समूह भी काम करते हैं जो दान और धार्मिक अभियानों को अपनाते हैं। यह उन सदस्यों के लिए एक अच्छा अवसर होता है जो अपनी धन योगदान देने के लिए तैयार होते हैं।